आपकी कुम्भ राशि का फल
सोर मंड़ल की यह ग्यारहवीं राशि है जो कि कुम्भ राशि के नाम से जानी जाती है। अंग्रेजी में इस राशि को एकुरियस कहा जाता हैं। इसका राशि का स्वामी शनि ग्रह है व दिन शनिवार है। इसकी आकृति कन्धे पर कलश लिए पूरे आकार की है यह क्रुर प्रकृति पूरूष संज्ञक, वायु तत्व, स्थिर संज्ञग, तमोगुणी, त्रिधातु, मूगिंया वर्ण, दिवस बली, शार्षोदयी, मध्यम संतति वाली, पश्चिम दिशा की स्वामिनी है। उसका उष्ण स्वभाव स्निग्ध प्रकृति, विचारशील, धर्मपरायण और नई-नई बातें जानने को जिज्ञासु होना है। इसका रत्न नीलम,धातु लोहा है। इस राशि में घनिष्ठा नक्षत्र के दोें चरण आते हैं। जिनका स्वामी मंगल है। शतभिषा नक्षर के चारों चरण आते हैं जिनका स्वामी राहू है। पर्वाभाद्रपद नक्षत्र के तीन चरण आते है। जिसका स्वामी गुरू है। इस राशि के अक्षर गु-गे-गो-स-सा-सि-सु-से-सो आते हैं। जिनसे आपके नाम का प्रथम अक्षर शुरू होता है।कुम्भ राशि के लोग दयाभावना व शांति पसंद करते हैं। वे अपने वस्त्रों को अधिक महत्व नहीं देते क्योंकि वे सादे किस्म के होते हैं। इन्हे घर की बज़ाए बाहर की अधिक फिक्र होती है। इनके हर किस्म के दोस्त होते हैं। हर किसी के बारे में पूर्ण रूप में जानने की इच्छा रखने वाले होते हैं। हर परिस्थिति में अपने दि़माग से काम लेते हैं। ये दूसरों के बारे में सब कुछ जान लेते हैं परन्तु अपने बारे में कुछ नहीं बताते। ढ़ेरो मित्र होने के बावज़ूद भी ये एकांत जीवन जीते हैं। रीति-रिवाजों का समय-समय पर खंड़न करते रहते हैं। किन्तु लक्ष्य प्राप्ति के लिए हिंसा का सहारा नहीं लेते।कभी भी किसी व्यक्ति के बारे में एक तरफा सोच नहीं रखते।किसी दबाव के अधीन गल्त फैंसला नहीं करते। ये पैसे को संचय करने में अधिक विश्वास रखते हैं। दूसरों को पैसा जोड़ने में भी मदद करते हैं। छल-कपट से नफरत करते हैं, आर्दश वादिता के पक्के होते हैं। इनको नए-नए लोगों से मिलनें की इच्छा होती है। लेकिन जो व्यक्ति सम्पर्क से दूर हो जाते हैं उन्हे भूल जाते हैं। जब वर्षों बाद दुबारा मिलते हैं तो फिर सम्पर्क कायम कर लेते हैं।इस राशि की औरतें स्वंत्रता पसंद नहीं होती। लेकिन वस्त्र, हेयर- स्टाइल व चाल ढाल में आकर्षित होती है। ये अफसर के रूप में नए-नए ढंगो का अविष्कार करते हैं।जिस कारण इनके कर्मचारी इन्हें पसंद करते हैं। कर्मचाारी के रूप में इनकी आदर्शवादी अफसर के साथ ही निभा करती है। अपने साथियों में अधिक प्रिय नहीं होते, ये भले किसी भी पोस्ट पर हों जरूरत पड़ने पर सारा कार्य संभाल सकते हैं। तुला, मेष, मिथुन राशि वालों से इनकी अधिक बनती है। आप अपनी राशि के मुताबिक राशि से सम्बंधित इत्र व Perfume की सुगंध का अपने उपर इस्तेमाल करके आप अपने भाग्य को उज्जवल बना पाएगें व अपनी चिंतायों से मुक्ति प्राप्त करेगें। आपकी राशि कुम्भ होने पर आपके लिए निबू व चंदन की सुगंध वाला इत्र व Perfume ज्यादा बेहतर इसे आप खास तौर से प्रतियोगिता परीक्षा देने ,साक्षात्कार देने ,मुक्दमे व यात्रा के समय पर प्रयोग कर अश्चर्य जनक लाभ प्राप्त कर सकते है।
शनि स्तुति
सुर्यपुत्रो दीर्घदेहो विशालाक्षः शिवप्रियः।
मन्दचारः प्रसन्नात्मा पीडां दहतु मे शनि।।
जपनीय बीज मन्त्रः- ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः।
शनि मन्त्रः- ऊँ ह्रीं श्रीं ग्रहचक्रवर्तिने शनैश्चराय क्लीं ऐं सः स्वाहा।
जपनीय कुम्भ राशि मन्त्रः- ऊँ श्रीं उपेन्द्राय अच्युताय नमः
इस राशि का लक्ष्मी मन्त्रः- ऊँ ह्रीं ऐं क्लीं श्रीं
आपकी कुम्भ राशि है
मीन राशि वाले मनुष्य व शहर आप के धन के लिए शुभ है।
मिथुन राशि वाले मनुष्य व शहर आप के मानसिक शान्ति के लिए शुभ है।
तुला राशि वाले मनुष्य व शहर आप के भाग्य के लिए शुभ है।
वृश्चिक राशि वाले मनुष्य व शहर आप के व्यवसाय के लिए शुभ है।
धनु राशि वाले मनुष्य व शहर आप के लाभ के लिए शुभ है।