आपकी कर्क राशि का फल
सोर मंड़ल की यह चौथी राशि है जो कि कर्क राशि के नाम से जानी जाती है। अंग्रेजी में इस राशि को केंसर कहते हैं। इस राशि का स्वामी चन्द है व दिन सोमवार है। इसका आकार केकड़े के समान है। यह स्त्री जाति की चर संज्ञक राशि है। यह सौभ्य-कफ प्रकृति जल तत्व, रात्रि बली, रजोगुणी, उत्तर दिशा की स्वामिणी, हलके गुलाबी रंग की है। इसकी जाति ब्राह्मण, प्रष्ठोदय, सम राशि है। यह लज्जाशील, अपनी उन्नति में सदा प्रयत्नशील व अनुशासन प्रिय है। इसका रत्न मोती व धातु चांदी है। इसका भाग्यांक 2 है। इस राशि मे पुनर्वसु नक्षत्र का एक चरण आता है जिसका स्वामी गुरू है। पुष्य नक्षत्रों के चारों चरण आते हैं जिनका स्वामी शनि है। अश्लेषा नक्षत्र के चारों चरण आते हैं जिनका स्वामी बुध है। इनके नाम अक्षर हि-हू-हे-हो-डा -डि -डू-डे-डो आते हैं। जिनसे आपके नाम का प्रथम अक्षर शुरू होता है। यह गंडमूल राशि है.
कर्क राशि के लोग भावुक प्रवृति के होते है। इन्हे कोई-न-कोई चिन्ता लगी रहती है। ये लोग नियन्त्रण क्रियाशील होते हैं। वह विचारों में मग्न रहते हैं। ये तेज दिमाग, आजाद प्रकृति व हर कार्य में निपुण होते हैं। व्यापार व पूर्ण कुशल व धन और सम्मान पाने वाले व सदा ललायित रहते हैं। इनकी जुबान में मीठास होती है। दया व सहनुभूति की भावना इनमें बहुत अधिक होती है। इन्हे क्रोध बहुत कम आता है। इनकी बुद्धि व याद शक्ति बहुत होती है। ये लोग पुरानी वस्तु को फिजुल समझ कर फैंकते हैं। धन व भौतिक वस्तुओं का सग्रंह इनका शौंक है। ये जिंदगी में मिलने वाले हर व्यक्ति के बारे में पूरी जानकारी रखते हैं। ये लोग आने वाली मुश्किल से बचने के लिए मेहनत से धन संग्रह में विश्वास रखते है। कर्क राशि का इंसान होने पर आप चुगली व बार-बार गल्ती करते हैं तो आप की नौकरी को कोई नहीं बचा सकता। इस राशि के लोग मेहनत व अनुभव के आधार पर आगे बढ़ते हैं। कर्क राशि के लोग स्वंय तो सुंदर होते हैं परन्तु पत्नी/ पति अक्सर इतने सुदंर नहीें मिलते। इन्हें लम्बी यात्रा करने का मौका भी मिलता है। आप अपनी राशि के मुताबिक राशि से सम्बंधित इत्र व Perfume की सुगंध का अपने उपर इस्तेमाल करके आप अपने भाग्य को उज्जवल बना पाएगें व अपनी चिंतायों से मुक्ति प्राप्त करेगें। आपकी राशि कर्क होने पर आपके लिए गुलाब व लिली की सुगंध वाला इत्र व Perfume ज्यादा बेहतर इसे आप खास तौर से प्रतियोगिता परीक्षा देने , साक्षात्कार देने , मुक्दमे व यात्रा के समय पर प्रयोग कर अश्चर्य जनक लाभ प्राप्त कर सकते है।
चन्द्र स्तुति
रोहिणीशः सुधामूर्तिः सुधागात्रो सुधाशनः।
विषमस्थानसम्भूतां पीडां दहतु मे विधुः।।
जपनीय बीज मन्त्रः- ऊँ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमा नमः
चन्द्र मन्त्रः- ऊँ क्रीं चं चंद्राय नमः
जपनीय कर्क राशि मन्त्रः- ऊँ हिरण्यगर्भाय अव्यक्त रूपिणे नमः।
इस राशि का लक्ष्मी मन्त्रः- ऊँ ऐं क्लीं श्रीं
आपकी कर्क राशि है
सिंह राशि वाले मनुष्य व शहर आप के धन के लिए शुभ है।
वृश्चिक राशि वाले मनुष्य व शहर आप के मानसिक शान्ति के लिए शुभ है।
मीन राशि वाले मनुष्य व शहर आप के भाग्य के लिए शुभ है।
मेष राशि वाले मनुष्य व शहर आप के व्यवसाय के लिए शुभ है।
वृष राशि वाले मनुष्य व शहर आप के लाभ के लिए शुभ है।