आपकी मीन राशि का फल
सोरमंड़ल की यह बारहवी राशि है। जोकि मीन राशि के नाम से जानी है। अंग्रेजी में इस राशि को पाइसेस कहते हैं। इस राशि का गुरू ग्रह है व दिन ब्रहृस्पतिवार है। इसकी आकृति दो मछलियों जैसी है। यह करूणा व दया की प्रतीक है। यह मध्यम देह, स्त्री राशि, पिंघल वर्ण, ब्राह्मण जाति, जल तत्व, द्विस्वभाव, सौभ्य प्रकृति, दिवस बली, सतोगुणी कफ प्रकृति, सम संज्ञक, बहु प्रसव, उभयोदयी, स्निग्ध शरीर, जलचर, उतर दिशा की स्वामिनी है। इसका रत्न पुरखराज व धातु सोना है। इसका भाग्यांक 3 है।
इस राशि में पू. भाद्रपद का एक चरण आता है जिनका स्वामी गुरू है। उ. भाद्रपद के चारों चरण आते हैं। जिनका स्वामी शनि है। रेवती नक्षत्र के चारों चरण आते हैं जिनका स्वामी बुध है। यह गंडमूल राशि है. इसके नाम अक्षर दि-दु-थ-झ-ज-दे-दो-च-चि आते हैं। जिससे आपके नाम का प्रथम अक्षर शुरू होता है। मीन राशि के लोग हमेशा सपनों की दुनिया में रहते हैं। इनमें दया भावना व लज्ज़ा भाव बहुत होता है। ये व्यावहारिक जीवन में कम सफल होते हैं। इनमें अधिक धन जोड़ने की लालसा नहीं होती। ये मूड़ी किस्म के होते हैं बात करने के बाद सोचते हैं कि मैने बात सही की थी या गलत भले बाद में पछताना पडे़। ये लोग आराम पसंद होते हैं। इन्हे हल्के-फुल्के नशों का शौंक होता है। ये भावुक किस्म के व ईमानद़ार प्रवृति के होते हैं। ये लोग किसी बाद को जल्द दिल को लगा लेते हैं। ये जहां तक हो सके हर गरीब की मदद करते हैं। इन्हे साहित्य व लेखनी में खास लगाव होता है। इस राशि की औरतें एक सफल पत्नी सिद्ध होती है। ये अपने दुःख तकलीफ की ओर ध्यान न देकर दूसरों की बात सुनती है। इस राशि के लोग अक्सर कम ही होते हैं क्योंकि इनमें कन्ट्रोल करने की क्षमता कम होती है। जिसका कर्मचारी गल्त लाभ उठाते हैं। ये कर्मचारी के रूप में अधिक लोकप्रिय होते हैं क्योंकि इनमें ईर्ष्या की भावना नहीं होती। इसलिए कोई इनसे ईर्ष्या नहीं करता और न ही इनके रास्ते में रोड़े अडकाता है। इनकी कर्क, मेष व वृश्चिक राशि वालों से अधिक बनती है। आप अपनी राशि के मुताबिक राशि से सम्बंधित इत्र व Perfume की सुगंध का अपने उपर इस्तेमाल करके आप अपने भाग्य को उज्जवल बना पाएगें व अपनी चिंतायों से मुक्ति प्राप्त करेगें। आपकी राशि मीन होने पर आपके लिए चमेली, निबू व चंदन ,गुलाब व लिली की सुगंध वाला इत्र व Perfume ज्यादा बेहतर इसे आप खास तौर से प्रतियोगिता परीक्षा देने, साक्षात्कार देने मुक्दमे व यात्रा के समय पर प्रयोग कर अश्चर्य जनक लाभ प्राप्त कर सकते है।
गुरू स्तुति
देवमन्त्री विशालाक्षो सदा लोकहिते रतः।
अनेक शिष्य सम्पूर्णः पीडां दहतु मे गुरूः।।
गुरू मन्त्रः- ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं ग्लौं ग्रहाधिपतये बृहस्पतये वीं ठः श्रीं ठः ऐं ठः स्वाहा।
जपनीय मीन राशि मन्त्रः- ऊँ क्लीं उद्धृताय उद्धारिणे नमः
इस राशि का लक्ष्मी मन्त्रः- ऊँ ह्रीं क्लीं सौंः
आपकी मीन राशि है
मेष राशि वाले मनुष्य व शहर आप के धन के लिए शुभ है।
कर्क राशि वाले मनुष्य व शहर आप के मानसिक शान्ति के लिए शुभ है।
वृश्चिक राशि वाले मनुष्य व शहर आप के भाग्य के लिए शुभ है।
धनु राशि वाले मनुष्य व शहर आप के व्यवसाय के लिए शुभ है।
मकर राशि वाले मनुष्य व शहर आप के लाभ के लिए शुभ है।