आपकी धनु राशि का फल
सोर मंड़ल की यह नौवीं राशि है जो कि धनु राशि के नाम से जानी जाती है। अंग्रेजी में इस राशि को सैगिटेरीयस कहते हैं। इस राशि का स्वामी गुरू है। दिन बृहस्पतिवार है। यह राशि इन्द्र धनुष धारन किए कमर से ऊपर मनुष्य और नीचे अश्व(घोड़े) समान आकार की, अल्प प्रसवि उग्र प्रकृति सतोगुणी राशि है। यह अग्नितत्वी, द्विस्भावी बाल्यावस्था, रात्रि बली, पित प्रकृति, क्षत्रिय जाति, पष्ठोदयी, पुर्व दिशा की स्वामिनी है। इसका प्राकृतिक स्वभाव मर्यादा पालन करना, आदर्श एंव अधिकारप्रियता है। वाहनों के प्रति विशेष लगाव रहता है। इसका रत्न पुखराज है। धातु सोना है। इसका भग्यांक 9 है।
इस राशि में मूला नक्षत्र के चारों चरण आते हैं। जिनका स्वामी केतु है। पूर्वाषाढ़ा के चारों चरण आते हैं जिनका स्वामी शुक्र है। उ. अषाढ़ा नक्षत्र का प्रथम चरण आता है। जिसका स्वामी सूर्य है। यह गंडमूल राशि है. इस राशि के नाम अक्षर य-यो-भा-भेे-भीे-ध-फा-ढ़ू-भेे आते हैं। जिनसे आपके नाम का प्रथम अक्षर शुरू होता है। धनु राशि के लोग बडे़ दिलवाले, खुशमिजाज़, न्यायपसंद व हर बात को साफ-साफ कहने वाले होते हैं। ये झूठ का साफ-साफ पकड़ लेते हैं।ये लोग भावनाओं की जगह दिमाग से काम लेते हैं। ये लोग आशावादी होते हैं इसलिए लोग इनसे मित्रता अधिक करना पसंद करते हैं। इन्हे हरदम कुछ-न-कुछ करने की आदत होती है ये खाली नहीं बैठ सकते।हर काम को फूर्तीली से निपटाना चाहते हैं। ये किसी से झगड़ा होने पर उसे अपने स्वाभिमान का विषय नहीं मानते बल्कि समझौता करने की कोशिश करते हैं। ये गुस्सा आने पर जल्द शांत हो जाते हैं। खेल कूद इन्हे बड़ा पसंद होता है। ये धर्मिक प्रवृति के होते हैं लेकिन रीति रिवाजों में बंधना नहीं चाहते क्योंकि ये आजाद जीना चाहते हैं। ये प्रेम आदि के मामलों में तेज़ होते हैं। परन्तु इनका प्रेम साफ-सुथरा व पवित्र होता है। लेकिन इनसे प्रेम निभाने की उम्मीद नहीं की जा सकती। इस राशि की औरतें भी आ़जादी पसंद मिलनसार होती है। इसलिए अकारण शक के घेरे में रहती है। ये घर के काम-काज में निपुण होती है। लेकिन रूचि कम लेती है। इस राशि के अफसर अलग-अलग स्कीमों से कर्मचारियों से उत्साह भरते रहते हैं। लेकिन गल्त व्यक्ति को ये पसंद नहीं करते। कर्मचारी के रूप में ये खुशमिज़ाजी के साथ आपके मद्दगार साबित हो सकते हैं। इनके दुश्मन बहुत कम होते हैं। इनकी मेष राशि वालों से अधिक बनती है। आप अपनी राशि के मुताबिक सम्बंधित इत्र व Perfume की सुगंध का अपने उपर इस्तेमाल करके आप अपने भाग्य को उज्जवल बना पाएगें व अपनी चिंतायों से मुक्ति प्राप्त करेगें। आपकी राशि धनु होने पर आपके लिए कस्तूरी व चंदन की सुगंध वाला इत्र व Perfume ज्यादा बेहतर है. इसे आप खास तौर से प्रतियोगिता परीक्षा देने, साक्षात्कार देने, मुक्दमे व यात्रा के समय पर प्रयोग कर अश्चर्य जनक लाभ प्राप्त कर सकते है।
गुरू स्तुति
देवमन्त्री विशालाक्षो सदा लोकहिते रतः।
अनेक- शिष्य- सम्पूर्णः पीडां दहतु मे गुरूः।।
जपनीय बीज मन्त्रः- ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः
गुरू मन्त्रः- ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं ग्लौं ग्रहाधिपतये बृहस्पतये वीं ठः श्रीं ठः ऐं ठः स्वाहा
जपनीय धनु राशि मन्त्रः- ऊँ श्रीं देवकृष्णाय उर्ध्वषंताय नमः
इस राशि का लक्ष्मी मन्त्रः- ऊँ ह्रीं क्लीं सौंः
आपकी धनु राशि है
मकर राशि वाले मनुष्य व शहर आप के धन के लिए शुभ है।
मेष राशि वाले मनुष्य व शहर आप के मानसिक शान्ति के लिए शुभ है।
सिंह राशि वाले मनुष्य व शहर आप के भाग्य के लिए शुभ है।
कन्या राशि वाले मनुष्य व शहर आप के व्यवसाय के लिए शुभ है।
तुला राशि वाले मनुष्य व शहर आप के लाभ के लिए शुभ है।